प्रदेश सरकार किसानों के उत्थान के लिए कृतसंकल्प
बिलासपुर / 26 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है जिसका किसान भरपूर लाभ उठा रहे हैं ।
जिला बिलासपुर में भी विभाग द्वारा अनेक प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। जिला बिलासपुर का भौगोलिक क्षेत्रफल एक लाख 12 हजार 135 हैक्टेयर है, जिसमें से केवल 31,878 हैक्टेयर भूमि पर विभिन्न फसलें उगाई जा रही है ।
कृषि उत्पादन बढ़ाने व भूमि की उपयोगिता जानने के लिए मिटटी परीक्षण बहुत महत्व है, इसके लिए विभाग निःषुल्क मिट्टी परीक्षण का बहुत महत्व है। जिला बिलासपुर में गत वर्ष योजना के तहत 2177 मिटटी के नमूने लिए गए थे, जिनकी पोषक तत्वों की संस्तृति किसानों को दे दी गयी है । इस वर्ष 2336 नमूनों की जांच का लक्ष्य रखा गया है । योजना के तहत इस वर्ष 1294 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर पोषक तत्वों की संस्तृति जारी की गई है।
जिला के किसानों व बागवानों की फसलों को जंगली जानवरों व बंदरों से बचाने के लिए मुख्यमंत्री खेत सरंक्षण योजना आरंभ की गयी है । योजना के तहत सौर उर्जा से संचालित बाढ़ का प्रावधान है। योजना में 100 मीटर से 1500 मीटर तक के माॅडल उपलब्ध है तथा एक किसान अधिकतम 1500 मीटर तक बाढ़ लगाने के बाद विभाग से अनुदान प्राप्त कर सकता है । इसके अलावा कांटेदार, जालीनूमा बाढ़ पर क्रमषः 50 प्रतिषत अनुदान तथा विद्युत बिल मिश्रित बाढ़ पर 70 प्रतिषत अनुदान का प्रावधान है । गत वर्ष योजन के तहत 68 हैक्टेयर क्षेत्रफल को संरक्षित करके 260 लाख रूप्ये का अनुदान 78 किसानों को दिया गया है। योजना के तहत इस वर्ष 250 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें अब तक 80 लाख रूपये व्यय करके 10 हैक्टेर क्षेत्रफल को संरक्षित किया गया है ।
जिला में राष्ट्रीय बांस योजना का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है । योजना के तहत 90 प्रतिषत हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा तथा शेष 10 प्रतिषत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है । चालू वित वर्ष जिले में 15 हैक्टेर क्षेत्र में उन्नत प्रजाति के बांस किसानों के खेतों में लगवाये गए हैं तथा भविष्य में इस योजना के तहत बासं आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिया जायेगा। इसके साथ-साथ बांस के षिल्पकारों के कौषल विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
पिछड़ा क्षेत्र योजना के अंतर्गत किसानों को बीज, दवाईयां, कृषि यंत्रों को 50 प्रतिषत अनुदान पर देने का प्रावधान है तथा समय-समय पर किसानों को नयी तकनीक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण षिविर लगाने का भी प्रावधान है। योजना के तहत एक लाख 52 हजार रूपये खर्च किए गए हैं तथा इस वर्ष योजना पर एक लाख 57 हजार रूपये खर्च किए जा रहे हैं ।
इसके अतिरिक्त कृषि यंत्रीकरण सबमिषन, राज्य कृषि यंत्रीकरण योजना, जनजातिय क्षेत्र योजना, मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, एम किसान पोर्टल परियोजना, कृषि सूचना सेवा जैसी अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, जिसका किसान व बागवान भरपूर लाभ उठा रहे हैं ।