कुठेड़ा पंचायत का विभाजन न होने पर गुस्सा
बिलासपुर / 26 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़
प्रदेश सरकार द्वारा नई पंचायतों के गठन में घुमारवीं विकास खंड की कुठेड़ा पंचायत को नजर अंदाज करने से लोगों में भारी रोश है। पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्रफल और आबादी के साथ ही वार्डों के लिहाज से कुठेड़ा पंचायत का विभाजन किया जाना बेहद जरूरी है, लेकिन बार-बार ग्राम सभाओं से पारित प्रस्तावों को भेजने के बावजूद सरकार ने उसे अनदेखा कर दिया।
कुठेड़ा पंचायत से बार्ड सदस्य मीरा देवी, युवा मंडल मसौर के पूर्व प्रधान वीपिन मैहता, आषीश मैहता, अष्वनी कुमार, सुनीता देवी, विनय कुमार, सुषील कुमार, अनिता कुमारी, अवतार सिंह, आर्दश कुमार, इषान मैहता, अजय सिंह, अरविन्द कुमार, असीम कुमार, मनिन्द्र, चैन सिंह, षुभम मैहता, गौरव मैहता, संगीता ठाकुर व बलवन्त सिंह आदि ने कहा कि कुठेड़ा पंचायत घुमारवीं विकास खंड के अंतिम छोर पर स्थित है। पंचायत के छोटे-बडे लगभग दर्जन गांव है तथा कुल वार्ड 9 हंै। अरविन्द कुमार ने कहा कि कुठेड़ा पंचायत का विभाजन 1990-91 में 30 वर्ष पूर्व हुआ था। वर्तमान में इस पंचायत में 1190 परिवार हैं तथा लोगों की जनसंख्या लगभग 4600 है और इसमें 01-01-2020 के अनुसार 3550 वोटर हैं जिस कारण इस पंचायत का विभाजन होना बहुत अनिवार्य है। ज्यादा परिवार और ज्यादा जनसंख्या होने के कारण इस पंचायत में न तो सभी को सारी सुवीधायें मिल पा रही हैं और न ही ज्यादा विकास कार्य हो पा रहे हैं। कई गांव तो इतने दूर हैं कि उनमें रहने वाले लोगों के लिए पंचायत कार्यालय पहुंचना बेहद मुष्किल होता है जिस कारण ग्राम सभाओं में लोगों की संख्या कम होने के कारण जरूरी प्रस्ताव पारित नहीं हो पाते हैं।
भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए कुठेड़ा पंचायत को विभाजित करके पुर्नगठन की मांग मसौर और जोल पलाखीं के ग्रामवासीयों ने की थी। हैरानी इस बात की है कि 9 वार्डाें वाली अधीकतर पंचायातों को विभाजित करके पुर्नगठन कर दिया गया जबकि कुठेड़ा पंचायत नजरअंदाज कर दी गई। मसौर और जोल पलाखीं के ग्रामवासीयों ने विधायक सुभाश ठाकुर, डीसी तथा जिला पंचायत अधिकारी से कुठेड़ा पंचायत को विभाजित करके पुर्नगठन करने की मांग की है।