विरासत में मिली अच्छी चीजोंको अपने जीवन में भी ढालना चाहिए :गुलेरिया ***डी. ए. वी. सेंटेनरी पब्लिक स्कूल मंडी में विद्यार्थियों को दीचरखे की जानकारी
मंडी,28 सितम्बर (पुंछी) :
आजादी से पहले गांधी जी ने देश के लोगों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए खादी की मुहिम चलाई थी और इससे काफी युवा प्रभावित भी हुए थे।
जब देश आजाद हुआ और पाकिस्तान बना था उस समय देश की हालत अच्छी नहीं थी, न तो खेतीबाड़ी अच्छी थी और न ही सरकारी नौकरियां थी, ऐसे में खादी ही देश के लोगों के लिए सहारा बनी थी। आजादी के बाद सरकार ने खादी को अपने अधीन ले लिया। यह बात डी.ए.वी.मंडी केप्रधानाचार्य के. एस. गुलेरिया ने शनिवार को डी. ए. वी. सेंटेनरी पब्लिकस्कूल के प्रागंण मेें 2 अक्तूबर को महात्मा गाँधी की आने वाली 150 वीं जयंती के उपलक्ष में उपस्थित छात्रोको सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होने कहा कि हमें अपनी प्राचीनधरोहरे जो विरासत के रूप में मिली हैं उनकी संभाल रखनी चाहिए और उनसेसम्बंधित जानकारियां भी प्राप्त करनी चाहिए तथा विरासत में मिली अच्छी व लाभकारीचीजों को अपने जीवन में ढालना भी चाहिए । इस मौके पर विद्यालय की ओर से प्रधानमंत्री द्वारा शिल्पगुरु के आवार्ड से सम्मानित ओ. पी. मल्होत्रा को आमंत्रित किया गया । इस मौकेपर उन्होंने विद्यार्थियों को खादी केमहत्व, ऊन की किस्में व चरखे के विषय में बहुत सी जानकारियां दी । ओ. पी.मल्होत्रा अपने साथ चरखे लाए थे , उनमेंप्राचीन चरखे भी थे तो आधुनिक चरखे भी । उन्होंने विद्यार्थियों को चरखा कतना भी सिखाया और गाँधी के समय इसकेउपयोग की आवश्यक जानकारियां भी दी । कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य के. एस. गुलेरिया नेमल्होत्रा जी का विशेष आभार व्यक्त किया किया । फोटो कैप्शन28 एम.एन.डी.1खादी के महत्त्व, ऊन की किस्में व चरखे के विषय में जानकारियांदेते ओ. पी. मल्होत्रा