December 23, 2024

प्रदेश सरकार ने नेता प्रतिपक्ष के आरोपों का किया खण्डन

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शिमला / 14 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़

प्रदेश सरकार ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के उस बयान की कड़ी भत्र्सना की है जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य में कोविड-19 फैलाने के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि यह नेता प्रतिपक्ष का यह बयान हास्यास्पद् है। कांग्रेस पार्टी के पास सरकार के खिलाफ बोलने के लिए कुछ नहीं है इसलिए वे दुष्प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की लोकप्रियता और पिछले अढ़ाई वर्षों में प्रदेश सरकार के बेहतरीन प्रदर्शन से बौखलाए हुए हैं और इस हताशा में इस तरह के आधारहीन आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री को यह स्मरण होना चाहिए कि हिमाचल प्रदेश उन कुछ राज्यों में से है जिसने इस महामारी को प्रभावशाली तरीके से निपटने में सफलता पाई है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रदेश सरकार द्वारा इस वायरस की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की है। जहां तक मुख्यमंत्री के कांगड़ा दौरे की बात है, इस दौरान सभी दिशा-निर्देशों की अनुपालना की गईं।
उन्होंने कहा कि 24 मार्च, 2020 को लाॅकडाउन शुरू होते ही प्रदेश सरकार ने सभी आवश्यक कदम उठाए और कोरोना वायरस की जांच के लिए केन्द्र स्थापित करने के साथ-साथ कवारंटीन सुविधा के लिए विस्तृत प्रबन्धन सुनिश्चित किए। इसके अतिरिक्त, कोविड-19 मरीजों के ईलाज के लिए समर्पित अस्पताल भी चिन्हित किए गए। प्रदेश के लोगों को कोविड-19 महामारी और आवश्यक सामाजिक दूरी बनाए रखने के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान भी चलाया गया। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 मरीजों का रिकवरी रेट अन्य राज्यों की तुलना में देश में सबसे अधिक है।
प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कोविड-19 रहित होने वाला था, परन्तु देश के बाहरी राज्यों में फंसे लगभग सवा दो लाख से अधिक हिमाचलियों जिनमें विद्यार्थी भी शामिल हैं, की प्रदेश वापसी के कारण कोरोना के मामलों में तीव्र वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों में फंसे अपने लोगों को संकट की इस घड़ी में वापस लाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष पहले आरोप लगा रहा था कि प्रदेश सरकार बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचलियों को वापस नहीं कर रही है और जबकि दो लाख से अधिक लोगों की वापसी हुई है, अब कांग्रेस के नेता सरकार पर कोरोना फैलाने का आरोप लगा रही है जिससे उसके दोहरे मापदंडों का पता चलता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक कोविड-19 के 3836 मामलें दर्ज किए गए हैं जिनमें 2449 स्वस्थ हो चुके हैं, 34 राज्य छोड़ कर जा चुके हैं और केवल 17 लोगों की मृत्यु हुई हैं। भारत में कोविड-19 के मामलों की संख्या में हिमाचल प्रदेश का प्रतिशत 0.15 (3836/2461190) है जबकि राज्य की जनसंख्या का अनुपात 0.6 प्रतिशत है। प्रदेश में कोविड-19 के 94.6 मामले लक्षण रहित हैं जबकि केवल 5.4 प्रतिशत मामलों में लक्षण पाए गए हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 परीक्षण के लिए आठ आरटी-पीसीआर, 2 सीबी-एनएएटी और 19 टीआरयू-एनएएटी केन्द्र कार्यशील हैं। प्रदेश के आईजीएमसी शिमला, सीआरआई कसौली, एसएलबीएसजीएमसी नेर चैक, डाॅ. आरकेजीएमसी हमीरपुर, पंडित जेएलएनजीएमसी चम्बा, डाॅ. वाईएसपीजीएमसी नाहन, आईएचबीटी पालमपुर और डाॅ. आरपीजीएमसी टाण्डा में आरटी-पीसीआर परीक्षण सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
उन्होंने कहा कि देश में एक लाख की जनसंख्या में कोविड-19 के 181.96 मामलें दर्ज किए हैं जबकि हिमाचल प्रदेश में केवल 54.8 दर्ज किए गए हैं। देश में मृत्यु दर 1.95 जबकि प्रदेश में यह मात्र 0.44 है।
प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब में कोविड-19 के कुल मामलें 26909 थे और 675 मृत्यु दर्ज की गई है। हरियाणा में कुल 44817 मामलें और 511 मृत्यु दर्ज की गई है, उत्तराखण्ड में कुल मामले 11302 जबकि 143 लोगों की मृत्यु हुई, जम्मू कश्मीर में कुल 26949 मामले आए जहां 509 मृत्यु दर्ज की गई जबकि हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के अब तक कुल 3836 मामलें और केवल 17 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है, जो कि पड़ौसी राज्यों की तुलना में बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लक्षणरहित अथवा कम लक्षण वाले कोविड-19 मरीजों के लिए होम आइसोलेश तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए है। इसके अतिरिक्त, सभी उपायुक्तों को जिले में आने वाले पर्यटकों की अखिल भारतीय स्तर पर हो रही कोविड-19 की जाॅंच रिपोर्ट देखने के लिए पोर्टल के प्रयोग की अनुमति भी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम कर रहे श्रमिकों की जाॅंच के लिए रेपिड एन्टीजन टेस्ट करवाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्रीे प्रदेश में सरकार की कानून व्यवस्था, आर्थिक संकट और भू-माफिया जैसे विषयों पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं, जो कि हास्यास्पद् है, क्योंकि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कानून व्यवस्था बदहाल थी। पूर्व सरकार का खराब आर्थिकी प्रबन्धन, अनियोजित फजूलखर्ची के परिणामस्वरूप प्रदेश को भारी मात्रा में ऋण लेना पड़ा था। कांग्रेस ने प्रदेश को लगभग 46500 करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ में डाला। उन्होंने कहा कि भू-माफिया, खनन माफिया, वन माफिया और ड्रग माफिया कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान सक्रिय थे। ‘होशियार सिंह’ और ‘गुड़िया जैसी घटनाओं ने इस शान्तिप्रिय राज्य की छवि को धूमिल किया।

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