दिव्यांग जनों के मामले में मुख्यमंत्री को गुमराह कर रही अफसरशाही : कुशल कुमार सकलानी
*मुख्यमंत्री ने अपने विवेक से काम नहीं लिया तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम **बोले बस किराया वृद्धि का फैसला जनहित के लिए ठीक नहीं।
सुंदरनगर / 5 अगस्त / राजा ठाकुर
हिमाचल प्रदेश के दिव्यांगजनों ने हिमाचल सरकार द्वारा किए जा रहे कुठाराघात की कड़े शब्दों में निंदा की है और दो टूक शब्दों में सरकार को चेताया है कि अगर कानून 2016 को जो 2019 में अधिसूचना जारी की थी । उसको लागू नहीं किया गया है। दिव्यांग जनों के कानूनी सलाहकार एवं मुख्य समाजसेवी कुशल कुमार सकलानी ने दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर सरकार उक्त अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से 1 माह के भीतर भीतर लागू नहीं करती है तो उक्त अधिसूचना को स्थगित कर दिया जाए। सरकार इसके ऊपर चिंतन करें मंथन करें और तानाशाह अधिकारियों के हाथों का खिलौना न बने । अफसरशाही प्रदेश में सरकार को काम करने नहीं दे रही है और गुमराह करने में लगी हुई है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी गुमराह कर रही है।
उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने समय रहते उचित कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में इस बात का खामियाजा भुगतना होगा। सकलानी ने कहा कि इस वर्ग के साथ रोस्टर के तहत भर्ती और पदोन्नति नहीं की जा रही है और सीधे सीधे इस वर्ग के साथ धोखा किया जा रहा है। जो 5 और 7 साल पहले भर्तियां की गई है। उन्हें रद्द किया जा रहा है। कहा है कि हिमाचल सरकार केंद्र सरकार और साथ में लगती राज्य सरकारों के रोस्टर को अपनाएं और हिमाचल में लागू करें ताकि इस पर कभी उत्थान हो सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में बैठे आला अधिकारी निदेशक सहित अन्य इस वर्ग के साथ अन्याय करके उन्हें हताश कर रहे हैं। जिससे सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। दूसरी ओर दिव्यांग जनों के लिए जो उनके तीमारदार काम करने के लिए दफ्तरों में आते हैं तो वहीं दूसरी ओर सरकार ने बस किराए में वृद्धि कर दी है जो कि सीधे तौर पर आम जनता पर बोझ है। कहा है कि सरकार बस किराया वृद्धि को तत्काल प्रभाव से वापसी ले ताकि समाज का हर वर्ग प्रभावित होने से बच सके। अन्यथा आने वाले समय में सरकार को इसके विपरीत परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग भी इस वर्ग के साथ सही व्यवहार नहीं कर रहा है जो कि बहुत ही निंदनीय बात है।