कोविड-19: कोरोना योद्धा के रुप में उभरे जिले के स्वास्थ्य विभाग के कर्मी **जिले के सरकारी अस्पतालों में चार महीने में हुई चार हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की हुई सुरक्षित डिलीवरी
*कोविड-19 से बचाव के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग मरीजों को हर जरुरी सेवाएं मुहैया करवाने के लिए रहा अग्रसर **डिप्टी कमिश्नर ने की स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशंसा ***कहा, स्वास्थ्य विभाग के मेहनती अधिकारियों व कर्मचारियों के चलते कोरोना पर खिलाफ फतेह जल्द
होशियारपुर / 1 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़
कोविड-19 के खिलाफ जंग में स्वास्थ्य विभाग ने न सिर्फ कोरोना योद्धा की भूमिका निभाते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ी है बल्कि अन्य मरीजों को भी हर जरुरी सेवाएं मुहैया करवाई हैं। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी के कारण जिले के हजारों घरों में किलकारियां गूंजी हैं। अप्रैल से लेकर 15 जुलाई तक 3979 महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी की गई है और अब यह आंकड़ा 4 हजार से ज्यादा पहुंच चुका है।
डिप्टी कमिश्नर श्रीमती अपनीत रियात ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस नाजुक दौर में अपने व अपने परिवार की परवाह न किए बिना स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से पूरी मेहनत से डयूटी निभाई जा रही है, जिसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग लडऩे के अलावा विभाग की ओर से जरुरी सेवाएं भी मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि कोरोना के ज्यादातर सैंपल नैगेटिव आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने उम्मीद प्रकट करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से पूरी तनदेही से निभाई जा रही है डयूटी के चलते जल्द कोरोना वायरस पर जीत दर्ज कर ली जाएगी। उन्होंने लोगों को मिशन फतेह के अंतर्गत सामाजिक दूरी अपनाने, मास्क पहनने व समय-समय पर साबुन से अच्छी तरह हाथ धोने की भी अपील की।
सिविल सर्जन डा. जसवीर सिंह ने बताया कि जिले में अप्रैल माह में 1070, मई में 1138, जून में 1185 व 15 जुलाई तक 586 महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को कोरोना से बचाने के लिए आशा वर्करों को हिदायत दी गई है कि वे संभावित डिलीवरी से कम के कम दस दिन पहले उक्त महिला का कोविड-19 टैस्ट करवाएं ताकि जच्चा-बच्चा की सुरक्षा यकीनी बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि जिले में कोविड-19 का टैस्ट करने के बाद ही हर डिलीवरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की सख्त ड्यूटी के बावजूद भी जिले में महिलाओं का टीकाकरण और आशा वर्कर फील्ड में दौरा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हर माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग व टैस्ट किए जाते हैं, और कोविड के मुश्किल समय के दौरान भी तय तिथी को इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं का चैक लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सिविल अस्पताल होशियारपुर में ट्रूनाट मशीन लगाई गई है जो कि इमरजेंसी स्थिति में दो घंटे में कोविड-19 के टैस्ट की रिपोर्ट दे देती है और अगर कोई गर्भवती महिला का इमरजेंसी केस आता है तो इस मशीन के माध्यम से उसका कोविड-19 का टैस्ट कर लिया जाता है।
डा. जसवीर सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते बेशक स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई थी लेकिन बावजूद इसके गर्भवती महिलाओं के अलावा अन्य जरुरी स्वास्थ्य सेवाएं भी जारी रही ताकि लोगों को किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि विभाग के डाक्टरों, स्टाफ नर्सों, आशा वर्करों व अन्य स्टाफ की ओर से यह यकीनी बनाया जा रहा है कि गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाए। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं सहित माताओं व नवजन्मों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए लगातार वार्ड को सैनीटाइज किया जाता है, ताकि नन्हों को इंफेक्शन का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि बच्चों, बुजुर्गों व अन्य मरीजों को सुचारु ढंग से स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि निर्विघ्न ओ.पी.डी. के अलावा सामाजिक दूरी बरकरार रखते हुए बच्चों का टीकाकरण भी किया जा रहा है।