November 24, 2024

कल्याण विभाग ने 16 मामलों में पीड़ित व्यक्तियों को उपलब्ध करवाए 24 लाख 62 हजार रुपये की सहायता

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फतेहाबाद / 29 दिसंबर / न्यू सुपर भारत

अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. ब्रह्मजीत सिंह रांगी की अध्यक्षता में लघु सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी कमेटी तथा जिला स्तरीय मैनवल सैक्वंजिंग सतर्कता कमेटी की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान एडीसी ने अधिकारियों से एजेंडा पर विस्तृत चर्चा करते हुए रिपोर्ट प्राप्त की। बैठक में कुल 16 एजेंडों पर गहनता से विचार विमर्श करते हुए पीडि़त व्यक्तियों को उपलब्ध करवाई गई आर्थिक सहायता की जानकारी दी गई। बैठक में निगरानी कमेटी के सदस्यों ने अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. रांगी को बुक्के देकर स्वागत किया।

एडीसी डॉ. रांगी ने कहा कि किसी भी मामले में पीड़ित व्यक्तियों को समय पर न्याय मिलना चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने जिला कल्याण विभाग व संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पीड़ित व्यक्तियों को समय पर आर्थिक मदद देना सुनिश्चित करें। इस कार्य में देरी ना करें। एडीसी ने यह भी निर्देश दिए कि पीड़ित व्यक्तियों को न्याय दिलवाने में अधिकारी तत्परता दिखाए। बैठक में मामलों की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. रांगी ने एसडीएम फतेहाबाद की अध्यक्षता में पुलिस द्वारा दो मामलों में एससी-एसटी एक्ट हटाने पर एक जांच कमेटी का गठन किया। इस कमेटी में दो गैर सरकारी सदस्यों को शामिल करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि मामलों की एक सप्ताह के अंदर-अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट एडीसी कार्यालय में प्रस्तुत की जाए।

 बैठक में जिला कल्याण अधिकारी एवं कमेटी के सदस्य सचिव लालचंद डूडी ने एडीसी डॉ. रांगी को अवगत कराया कि विभाग द्वारा अब तक लंबित 16 मामलों में पीड़ित व्यक्तियों को 24 लाख 62 हजार 500 रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि मैनवल सैक्वन्जिंग अधिनियम स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सीवर या सेप्टिक टैंक की सफाई को निषेध करता है तथा ऐसी कंपनी/संस्थाएं जो ये कार्य करवाती है वे इस अधिनियम की धारा 23(1) के तहत दोषी है। इस अधिनियम के तहत अपराध गैर जमानती होता है तथा सेक्शन 6 के तहत दो साल की जेल हो सकती है, इसमें किसी भी जाति से संबंधित सफाई कर्मचारी या कवर होते है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार यदि किसी सफाई कर्मचारी की सीवर सफाई के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दिए जाने का प्रावधान है। यदि किसी सफाई कर्मचारी की मृत्यु वर्ष 1993 के बाद सीवर सफाई के तहत हुई है तथा इस सत्य को छिपाया गया है तो यह कोर्ट के आदेशों की अवहेलना होगी। अधिनियम के तहत सभी प्रकार के सफाई कर्मचारियों को अपना व्यवसाय चलाने हेतु अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम से आसान शर्तों पर कर्ज दिलाने की व्यवस्था, स्वास्थ्य की जांच व उन्हें उचित प्रशिक्षण तथा जरूरी सुरक्षा औजार उपलब्ध करवाने की व्यवस्था का भी प्रावधान है।

इस अवसर पर एसडीएम राजेश कुमार, जिला कल्याण अधिकारी लालचंद डूडी, डीएसपी जयपाल, कार्यकारी अभियंता सतीश देसवाल, डीएसओ ओम प्रकाश इंदौरा, गैर सरकारी सदस्य दर्शन सिंह, बिट्टू रोज, नरेंद्र लूणा, सुशील कुमार, मलकीत सिंह, अनूप कुमार आदि मौजूद रहे।

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