November 24, 2024

एडीसी सलोनी शर्मा ने जिला स्तरीय क्रियान्वयन कमेटी की बैठक में की पीएम-विश्वकर्मा योजना की समीक्षा

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झज्जर / 19 दिसंबर / न्यू सुपर भारत

 एडीसी सलोनी शर्मा ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना केंद्र सरकार के एमएसएमई मंत्रालय की योजना है जिसका उद्देश्य हाथ से औजारों का उपयोग करके काम करने वाले पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को पहचानना व सशक्त बनाना है। श्रमिकों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए यह योजना कारगर साबित  हो रही है,ऐसे में संबंधित अधिकारी योजना के क्रियान्वयन को लेकर आपसी समन्वय के साथ कार्य करें,ताकि ज्यादा से ज्यादा कारीगरों को योजना का लाभ प्रदान किया जा सके।

एडीसी मंगलवार को लघु सचिवालय सभागार में जिला स्तरीय क्रियान्वयन कमेटी की बैठक में पीएम-विश्वकर्मा योजना की समीक्षा कर रही थीं। एडीसी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ उद्यम विकास ऋण एक लाख रुपये (पहली किस्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी।

इस योजना के लागू होने से श्रमिकों के बच्चों को मिलने वाली सहायता में भी वृद्धि हुई है। योजना  का लाभ लेने के लिए कारीगरों  को पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य  दस्तकारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है। इस योजना से गांवों और शहरों के उन कुशल कारीगरों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जो अपने हाथों से काम करके अपना जीवनयापन करते हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम-विश्वकर्मा योजना में 18 हस्त व्यवसायों को शामिल किया गया है। इस योजना में नाव बनाना, शस्त्राकार, लुहार, हथौड़ा व लोहे के औजार बनाना, ताला बनाना, सुनार, कुंभकार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, सुथार, चटाई बनाना, गुडिय़ा व खिलौने बनाना, बारबर, धोबी, दर्जी और मछली  पकडऩे के जाल बनाने का काम शामिल है। इस योजना में विभिन्न व्यवसायों से जुड़े दस्तकारों को प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन  की सुविधा प्रदान की जाएगी। योजना  में कारीगरों को पहले पीएम विश्वकर्मा.जीओवी.इन पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।

ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच और शहरी क्षेत्र में नगर निकाय अधिकारी ज्यादा से ज्यादा पात्र लोगों को योजना का लाभ दिलाएं।  इस योजना में विभिन्न व्यवसायों से जुड़े दस्तकारों को प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन  की सुविधा प्रदान की जाएगी। पंजीकरण के बाद इन कारीगरों को जिला  में स्थापित किए गए कौशल विकास केंद्रों में पांच दिन की  ट्रेनिंग करवाई जाएगी और टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने योजना से जुड़े विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना के बेहतर क्रियांवयन के लिए सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ कार्य करें।  

बैठक में यह अधिकारी रहे उपस्थित
इस मौके पर एलडीएम योगेंद्र बरनवाल,एमएसएमई की डीएफओ रचना त्रिपाठी, डीआईपीआरओ सतीश कुमार,झज्जर आईटीआई से जीतपाल,देशपाल व आशीष कुमार,सुनील कुमार, अमित कुमार,सुमित कुमार,मनीषा रानी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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