गाँव नाढोड़ी में श्री कृष्ण गौशाला सेवा समिति द्वारा आयोजित हरिकथा ज्ञान यज्ञ में कथावाचक का लिया आशीर्वाद
टोहाना / 5 दिसंबर / न्यू सुपर भारत
हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने गांव नाढोड़ी में श्री कृष्ण गौशाला सेवा समिति द्वारा आयोजित “श्री जम्भवानी हरिकथा ज्ञान यज्ञ” में कथा वाचक आचार्य स्वामी श्री रामाचार्य जी महाराज से आशीर्वाद लिया।
विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि उन्हें इस उत्सव में शामिल होकर गोमाता के पूजन का सौभाग्य मिला है। सनातन धर्म में गाय का अपना अलग ही महत्व है। आदि काल से ही गौमाता को भारतवर्ष में माता का दर्जा दिया गया है। कहते हैं कि गाय में जितनी सकारात्मक ऊर्जा होती है उतनी किसी अन्य प्राणी में नहीं।इसके अलावा गाय के दूध के साथ साथ उसका मूत्र और गोबर भी बहुपयोगी है। यही वजह है कि आज बड़ी बड़ी बीमारियों के औषधि निर्माण में गो-मूत्र का उपयोग किया जाता है। गाय से मिलने वाले इन्ही फायदों के लिए शास्त्रों में इन्हें ‘गोधन’ की उपाधि दी गयी है।
विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि गाय हमारी संस्कृति का आधार है, अत: जब भी समय मिले गौ सेवा जरुर करें। उन्होंने गौ माता की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गाय एक मात्र जीव है जिसमें 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। जो व्यक्ति नित्य कर्म से गौमाता की सेवा करता है उसके दु:ख तकलीफें खत्म हो जाती है। हिदू धर्म में गाय को माता से भी अधिक माना गया है। गाय का दूध, दही, घी, छाछ यहां तक की गोमय व गोमूत्र भी मनुष्य लिए सकल रोग विनाशक है।
विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि गाय माता साधारण प्राणी नहीं है, वैदिक धर्म का प्राण है। गाय माता तो देवताओं की भी आराध्या हैं। यह चलता फिरता तीर्थ ही नहीं, चलता फिरता औषधालय भी हैं। उन्होंने कहा कि गोमाता सृष्टि की धुरी हैं। जब गोमाता ही नहीं बचेगी तो यह सृष्टि भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने गोमाता के तन की पवित्रता का बखान करते हुए कहा कि सृष्टि में केवल गौमाता ही हैं, जिसका मल और मूत्र को शास्त्रों में पवित्र मान कर पूजा सामग्री में शामिल किया गया हैं और इसे भगवान को अर्पित किया जाता है। इंसान के लिए जन्म से लेकर मृत्यु के बाद तक गौ माता उपयोगी है। इसलिए सभी मानव को गोवंश का संरक्षण करना नितांत आवश्यक है।