उप-मुख्यमंत्री और जगत सिंह नेगी ने आपदा पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए भाजपा को लिया आड़े हाथों
शिमला / 3 नवंबर / न्यू सुपर भारत
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्राकृतिक आपदा पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए भाजपा को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि आपदा के क्लेम के 4950 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से न मिलने के लिए हिमाचल भाजपा दोषी है। भाजपा नेताओं की वजह से ही केंद्र ने यह राशि रोकी हुई है। आपदा से नुकसान का 6746 करोड़ रुपये का पहला क्लेम नोट हिमाचल सरकार ने 10 अगस्त, 2023 को केंद्र सरकार को भेज दिया था। उसके बाद 9900 करोड़ रुपये का संशोधित क्लेम नोट 10 अक्तूबर, 2023 को भेजा गया है।
उप-मुख्यमंत्री व राजस्व मंत्री ने कहा कि कुल क्लेम का 50 फीसदी यानि 4950 करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश का हक बनता है। यह राशि केंद्र सरकार को तुरंत जारी करनी चाहिए ताकि लोगों के पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सके। मुकेश अग्निहोत्री व जगत सिंह नेगी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभी तक क्लेम का एक पैसा भी केंद्र सरकार ने हिमाचल को नहीं दिया है। केंद्र की तीन टीमें अब तक प्रदेश में आकर बाढ़ व भारी बारिश से हुए नुकसान का आंकलन कर लौट चुकी हैं। क्लेम की राशि प्रदेश का अधिकार है, यह प्राकृतिक आपदा आने पर सभी राज्यों को मिलता है, इसे राजनीतिक आधार पर नहीं रोका जा सकता।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल में आई आपदा को न तो राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया और न ही इस आपदा से उबरने के लिए कोई विशेष राहत पैकेज दिया गया। आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश की जनता अब विशेष राहत पैकेज की मांग भी नहीं कर रही, बल्कि हिमाचल को 4950 करोड़ रुपये मिलने चाहिए जो हिमाचल प्रदेश का अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल भाजपा के नेता इस धनराशि को जारी नहीं होने दे रहे हैं। इसी तरह से बिजली कंपनियों से वाटर सेस लेने के लिए बार-बार रोका जा रहा है, केंद्र सरकार पत्र जारी कर रही है, उससे स्पष्ट है कि भाजपा नेताओं को हिमाचल प्रदेश की जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है।
उप-मुख्यमंत्री व राजस्व मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा का क्लेम रुकवाकर भाजपा ने अपना असली चेहरा जनता के सामने ला दिया है। प्रदेश के लोग समय आने पर भाजपा को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। भाजपा नेताओं के कारनामों से साफ हो गया है कि उन्हें आपदा प्रभावितों से कोई सहानुभूति नहीं है, उनका मूल उद्देश्य केवल और केवल राजनीति करना ही है।