केंद्रीय दल ने सराहे मंडी जिला प्रशासन के प्रयास
मंडी / 3 नवंबर / न्यू सुपर भारत
मानसून उपरांत गतिविधियों की समीक्षा को लेकर मंडी जिले के दौरे पर आए केंद्रीय दल ने जिले में ‘कैच द रेन’ अभियान तथा अमृत सरोवर निर्माण में किए शानदार कार्य के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की है। इस दल में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग की निदेशक एम. अनिता तथा जल शक्ति मंत्रालय के केंद्रीय भू जल बोर्ड अहमदाबाद के वैज्ञानिक गजानन रामटेक शामिल रहे।केंद्रीय दल ने शुक्रवार को मंडी में जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर ‘कैच द रेन’ अभियान तथा अमृत सरोवर निर्माण को लेकर प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने जिले में जल संरक्षण, जल प्रबंधन, सिंचाई, परंपरागत पेयजल स्रोतों के संवर्धन, वाटरशेड तथा वनीकरण गतिविधियों का ब्यौरा तथा कार्यों की जिओ टैगिंग की जानकारी ली।
जिला प्रशासन ने केंद्रीय दल को अवगत कराया कि मंडी जिले में 229 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। इनमें से 173 का काम पूरा कर लिया गया है, जबकि 56 का कार्य प्रगति पर है। वहीं 11 सरोवर मानसून आपदा में क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एम. अनिता ने जिले में अमृत सरोवर निर्माण पर संतोष जताते हुए शेष कार्य को भी जल्द पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि बीते दो दिनों में उन्होंने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर अमृत सरोवरों के निर्माण को देखने के साथ ही आपदा से इनके निर्माणों को हुए नुकसान को देखा है। उन्होंने कार्य की गति व गुणवत्ता पर संतुष्टि व्यक्त की।
इस दौरान एम. अनिता ने जिले में मानसून आपदा में तेजी से जलापूर्ति बहाली के कार्य के लिए भी अधिकारियों की प्रशंसा की।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने बताया कि जिले में आपदा में क्षतिग्रस्त अमृत सरोवरों का मनरेगा के अंतर्गत जीर्णोद्धार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास गतिविधियों के तहत साल 2022-23 में जिले में जल संरक्षण, जल प्रबंधन, सिंचाई, परंपरागत पेयजल स्रोतों के संवर्धन तथा वनीकरण के 7760 कार्य पूर्ण किए गए हैं, जबकि 6059 कार्य प्रगति पर हैं। वहीं साल 2023-24 में उक्त गतिविधियों से जुड़े 2192 कार्य किए गए हैं।
वहीं जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता रोहित दुबे ने जल जीवन मिशन के कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने शक्ति विभाग की पेयजल, सिंचाई तथा सीवरेज योजनाओं को हुए नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने केंद्रीय दल से रा क्षतिग्रस्त सीवरेज योजनाओं के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से फंड प्रावधान की नियमावली में संशोधन की सिफारिश करने का आग्रह किया ताकि इसके लिए पर्याप्त धन मिल सके।
वहीं डीएफओ जिला मुख्यालय अंबरीश शर्मा ने केंद्रीय दल को अवगत कराया कि मंडी जिले में इस वर्ष 1800 हैक्टेयर भूमि पर पौध रोपण का लक्ष्य है। मानसून के दौरान करीब 1600 हैक्टेयर के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है, वहीं शीत ऋतु में 200 हैक्टेयर के शेष लक्ष्य को पूरा करने को लेकर काम किया जा रहा है।डीआरडीए के परियोजना अधिकारी जी.सी.पाठक ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया तथा डीआरडीए के ‘कैच द रेन’ अभियान तथा अमृत सरोवर निर्माण के साथ साथ राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन के कार्यों की जानकारी दी।
बैठक में विभिन्न विकास खंड अधिकारी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।