जिला में नहीं होनी चाहिए आगजनी की घटनाएं : डीसी अजय सिंह तोमर
फतेहाबाद / 25 अक्टूबर / न्यू सुपर भारत
जिला में आगजनी की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। इसके लिए कृषि विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी पुख्ता प्रबंध करें। जिला के सभी गांवों का भ्रमण करें और किसानों तथा आमजन से रूबरू होकर आगजनी से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दें। नागरिकों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। इसके लिए अधिकारी व कर्मचारी अपडेट रहे।
ये निर्देश उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बुधवार को लघु सचिवालय के सभागार में पराली प्रबंधन कार्यों की समीक्षा करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए। उपायुक्त ने कहा कि जिला में धान की पराली सहित अन्य फसलों के अवशेषों को जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए।
किसानों को पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताएं और उन्हें पराली को जलाने की बजाए इसके उचित निपटान बारे जागरूक किया जाए। अधिकारी विशेष रूप से फोक्स रखें और वहां के किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए प्रेरित करें। उपायुक्त ने कहा कि पंचायत, कृषि व संबंधित विभाग किसानों को पराली व अन्य फसलों के अवशेषों को न जलाने बारे जागरूक करे। सरकार द्वारा किसान हित में चलाई जा रही योजनाओं बारे उन्हें अवगत करवाए ताकि वे योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सके।
उन्होंने कहा कि पराली न जलाने व फसल प्रबंधन पर किसानों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के बारे में भी जानकारी दी जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गोशाला व नंदीशालाओं में पराली भिजवाना सुनिश्चित करें और इस बारे में किसानों व आमजन को जागरूक करे। यह एक पुण्य का कार्य भी है। उन्होंने कहा कि भूना स्थित ज्योति पॉवर प्लांट व अन्य जिन फैक्ट्रियों में पराली का प्रयोग किया जा रहा है और जहां-जहां जरूरत है, वहां का पूरा विवरण लेकर किसानों को भी अवगत करवाए ताकि वे पराली बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति को और ज्यादा मजबूत कर सके। उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य व जिला भिवानी, जींद व पानीपत आदि अन्य जिलों की फैक्ट्रियों में पराली की खपत है, वहां से भी सेलरों से संपर्क कर पराली भिजवाना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने संबंधित एसडीएम व कृषि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखें तथा फसल अवशेष जलाने वाले लोगों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग आपस में तालमेल बनाते हुए लोगों को पराली न जलाने बारे जागरूक करें। उन्होंने कहा कि रैड व ऑरेंज जोन में आने वाले गांवों पर विशेष निगरानी रखें तथा जहां कहीं भी हरसेक या अन्य किसी माध्यम से पराली जलाने की सूचना मिलती है, अधिकारी तुरंत कार्रवाई करें। इसके अलावा ग्राम सभाओं व नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से किसानों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए।
ग्रामीणों को बताएं कि जहां एक तरफ फाने जलाने से जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है वहीं अनेक प्रकार की बीमारियां फैलने का अंदेशा बना रहता है तथा साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति भी कमजोर हो जाती है। किसान पराली प्रबंधन के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करें ताकि पशुओं के लिए चारे की कमी न हो और भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बढ़े। इसलिए कृषि विभाग पंचायती व अन्य सरकारी खाली पड़ी जमीन पर पराली को इक्ट्ठा किया जाए।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से बढ़ता प्रदूषण बेहद चिंता का विषय है और प्रदूषित व जहरीली हवा मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ पशुओं के लिए भी घातक है। इस हालात से निपटने के लिए हम सब को सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश के लिए पंचायती राज संस्थाओं समेत किसानों व अन्य ग्रामीणों का सहयोग अपेक्षित है। इस अवसर पर एडीसी डॉ. ब्रह्मजीत सिंह रांगी, एसडीएम राजेश कुमार, प्रतीक हुड्डा, जगदीश चंद्र, सीटीएम सुरेश कुमार, डीडीए डॉ. राजेश सिहाग, डीडीपीओ बलजीत सिंह चहल, डीडीएएच डॉ. सुखविंद्र सिंह सहित तहसीलदार, सभी खंडों के बीडीपीओ व खंड कृषि अधिकारी आदि मौजूद रहे।