November 18, 2024

प्राकृतिक खेती के लिए 25 करोड़ का प्रावधानः वीरेंद्र कंवर

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ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री ने प्राकृतिक खेती पर संवेदीकरण शिविर में की शिरकत

ऊना / 03 जनवरी / एन एस बी न्यूज़

ग्रामीण विकास एवं पंचायती, मत्स्य व पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज लोअर बसाल में प्राकृतिक खेती पर आयोजित एक शिविर की अध्यक्षता की, जिसमें लगभग 600 किसानों ने भाग लिया।इस अवसर पर अपने संबोधन में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जीरो बजट प्राकृतिक खेती एक ऐसी तकनीक है जिसमें रासायनिक खादों और कीटनाशकों या अन्य केमिकल तत्वों का प्रयोग किए बिना फसलों को उगाया जाता है। इसके तहत स्वयं तैयार की गई प्राकृतिक खाद का प्रयोग किया जाता है। जीरो बजट प्राकृतिक खेती के माध्यम से किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इसके अलावा प्राकृतिक खेती से प्राप्त उपज सेहत के लिहाज से भी सुरक्षित है क्योंकि इसमें सेहत के लिए हानिकारक रासायनिक खादों एवं कैमिकल का प्रयोग नहीं होता।

उन्होंने कहा कि गाय का गोबर प्राकृतिक खेती के लिए प्रयोग में लाए जाने के लिए सबसे सर्वोत्तम प्राकृतिक खाद है। उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 25 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान किया है। प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ की गई मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना, किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं कृषकों के लिए वरदान सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषकों, श्रमिकों व छोटे दुकानदारों को पैंशन योजना के तहत लाने का प्रयास किया है। इसके तहत 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3 हजार रूपए की पैंशन प्राप्त की जा सकती है।

शिविर में आतमा परियोजना के परियोजना निदेशक डॉ. बी.आर. तक्खी ने कहा कि जिला ऊना में अब तक 70 किसान प्रशिक्षण शिविर लगाए गए हैं जिनके माध्यम से 2500 किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित किया गया है जिनमें से 2200 किसान प्राकृतिक खेती को अपना चुके हैं। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में तीन हजार किसानों को प्राकृतिक खेती के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है।इस मौके पर देसी गाय और अन्य सामग्री की खरीद पर दी जाने वाली अनुदान सहायता बारे भी विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

इस अवसर पर कुटलैहड़ भाजपा मंडलाध्यक्ष मास्टर तरसेम लाल, बीडीसी चेयरपर्सन रानी गिल, कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. एन.के. बधान, उपनिदेशक कृषि डॉ. सुरेश कपूर, उपनिदेशक पशुपालन डॉ. जे एस सेन, कृषि विज्ञान केंद्र की प्रभारी डॉ. योगिता तथा उद्यान विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ के.के. भारद्वाज और ग्राम पंचायत बसाल, बटूही, त्यूड़ी के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

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