November 24, 2024

संविधान के सिद्धांतों का पालन करना हमारा दायित्व : डॉ. हवा सिंह

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फतेहाबाद / 26 नवंबर / न्यू सुपर भारत

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में संविधान दिवस के अवसर पर गांव भोडिया खेड़ा स्थित सीएमजी राजकीय महिला महाविद्यालय में एनएसएस के द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ. हवा सिंह ने संविधान दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि संविधान दिवस सिर्फ देश की सरकार और राजनीतिक पार्टियों का पर्व नहीं है बल्कि यह पूरे देश की जनता का पर्व है। देश के हर नागरिक के लिए यह गर्व का दिन है। देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि हम लोग इस उत्सव को पूरे जोश के साथ मनाएं।

उन्होंने कहा कि देश के आजाद होने के बाद हर भारतीय नागरिक संविधान द्वारा उसे दिए गए मौलिक अधिकारों का आनंद लेते आ रहा है लेकिन हमें इसके साथ-साथ देश के कानून का पालन करने और संविधान में दिए गए मौलिक कर्तव्यों को निभाने का भी संकल्प लेना चाहिए। संविधान के सिद्धांतों का पालन करना हमारा दायित्व है। आज के दिन इस प्रण को लेकर हम देश के संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।

उन्होंने बताया कि संविधान तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे थे, यह 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ और इसे अपनाया गया। 26 नवंबर को संविधान दिवस के साथ-साथ राष्ट्रीय कानून दिवस भी मनाया जाता है। संविधान अपनाए जाने के कुछ दिनों बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ।इस दौरान प्रोफेसर डॉ. भरत लाल ने संविधान दिवस के अवसर पर बताया कि इस दिन बाबा साहेब अंबेडकर को याद करना बेहद जरूरी है। संविधान के ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर ही थे, इसलिए उन्हें संविधान निर्माता भी कहा जाता है।

संविधान निर्माण में उनकी सबसे अहम भूमिका रही। यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां सविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। भारतीय संविधान में सभी धर्म और जाति वर्ग के लोगों को एक नजर से देखा गया है।

किसी के साथ कोई भी भेदभाव नहीं किया गया है। यहीं वजह है कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें तेजी के साथ खेल रही हैं तो उसके पीछे संविधान की ताकत है। भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जोकि लचीला और कठोर भी है। इस अवसर पर एनएसएस प्रभारी प्रोफेसर डॉ. मोहिना और प्रोफेसर रमन ने समूह चर्चा भी करवाई। इस कार्यक्रम में प्रोफेसर वीरेंद्र शर्मा और प्रोफेसर भतेरी मौजूद रहे।

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