November 16, 2024

सामुदायिक वन संवर्द्धन योजना हरियाली के साथ ग्रामीण समुदायों को आर्थिक तौर पर बनाएगी आत्मनिर्भर, हमीरपुर की डुग्घा पंचायत में लैंटाना हटाकर उपयोगी पौधे रोपित करने पर व्यय होंगे पांच लाख रुपए

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हमीरपुर / 9 दिसंबर / एन एस बी न्यूज़

हिमाचल प्रदेश अपनी सुंदर वादियों व समृद्ध वन संपदा के लिए जाना जाता है। वन क्षेत्र में बढ़ोतरी के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नई व प्रभावी योजनाएं प्रारंभ की गयी हैं। सामुदायिक वन संवर्द्धन योजना इन्हीं में से एक है।

इस योजना का मुख्य ध्येय प्रदेश में उपयोगी पौधों की किस्मों का पौधा रोपण तथा वनों के प्रबंधन, संरक्षण एवं विकास में स्थानीय लोगों की भागीदारी को सुदृढ़ करना है। योजना का उद्देश्य वनों की गुणवत्ता में सुधार व वन आवरण में वृद्धि करना भी है, जिससे ग्रामीण आर्थिकी को बल मिल सकेगा।

सामुदायिक वन संवर्द्धन योजना के अंतर्गत व्यवसायिक उपयोगिता वाले पौधों की किस्में रोपित की जाएंगी, ताकि ग्राम समुदायों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इनमें अनारदाना, चिलगोजा, बुरांस फूल, काफल पैदा करने वाले पौधों से लेकर बांस आधारित उद्योगों के लिए बांस के पौधे, चूली तथा औषधीय गुणों से युक्त हरड़, बेहड़ा व आंवला के पौधे शामिल हैं। इससे ग्रामीण लोगों को बालन व इमारती लकड़ी के अतिरिक्त पशु चारा तथा औषधीय उपयोग के लिए भी उत्पाद प्राप्त हो सकेंगे। इसके अतिरिक्त लैंटाना घास से घिरे क्षेत्रों में लैंटाना हटाकर वहां पर बेहतरीन चारा देने वाले पौधे व घास के मैदान विकसित करने की भी योजना है।

इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक चयनित उपयोगकर्ता समूह को गांव के समीप अधिकतम 50 हेक्टेयर तक वन भूमि कम से कम 25 वर्षों तक सौंपी जाएगी। वन मण्डलाधिकारी प्रत्येक चयनित समिति के लिए ऐसी भूमि का चयन करेंगे। भूमि बैंक के विकास व प्रबंधन के लिए संयुक्त वन प्रबंधन समितियां वन प्रबंधन योजना तैयार करेंगी। वन विभाग द्वारा इस योजना के अंतर्गत ग्राम समूह आयोजक को मानदेय के रूप में दो हजार रुपए प्रतिमाह प्रदान करने का भी प्रावधान किया गया है।

योजना के बेहतर कार्यान्वयन तथा भूमि बैंक के लिए वन मुख्यालय स्तर पर एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नोडल अधिकारी संबंधित वन मण्डलाधिकारी के माध्यम से सम्पर्क बनाएगा। इसमें वन रक्षक भी मार्गदर्शन करेंगे। योजना क्षेत्र में जल संरक्षण गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इनमें चैक डैम, जल संग्रहण ढांचों और जलागमों के माध्यम से जल स्रोतों व जलधाराओं को फिर से उत्पन्न करने में सहायता मिल सकेगी। वनों की आग पर नियंत्रण व जंगली जानवरों के शिकार पर रोक लगाने के उपायों में ग्राम समुदायों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।

हमीरपुर जिला में सामुदायिक वन सम्वर्द्धन योजना के कार्यान्वयन के लिए वन विभाग द्वारा आगामी पांच वर्षों के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है, जिस पर लगभग 40 लाख 49 हजार रुपए अनुमानित व्यय किया जाएगा। प्रारम्भिक स्तर पर योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत डुग्घा में भूमि का चयन किया गया है। यहां संयुक्त वन प्रबंधन समिति, जसौड़ के माध्यम से लैंटाना घास उखाड़कर इसके स्थान पर उपयोगी पौधों का रोपण किया जाएगा। इस वर्ष पांच लाख रुपए इस पर व्यय करने का प्रावधान किया गया है।

वन संरक्षण व सम्वर्द्धन की दिशा में प्रदेश सरकार के प्रयासों को मूर्तरूप प्रदान करने में वन विभाग जमीनी स्तर पर कार्य कर रहा है। विभाग व ग्राम समुदायों के संयुक्त प्रयासों व आपसी समन्वय से हरित क्षेत्र में वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीणों की आर्थिकी में भी आशातीत बदलाव संभव हो सकेगा।

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