ट्राउट मछली देगी टूरिज़म को नए आयाम- वीरेन्द्र कंवर *** एक्वाकल्चर फिशिंग एण्ड मार्केटिंग सोसाइटी की वेबसाईट का किया लोकापर्ण
बिलासपुर / 18 दिसम्बर / एन एस बी न्यूज़
प्रदेश का सौभाग्य है कि जहां प्रकृति ने भरपूर सौंदर्य दिया है वहीं प्रदेश को विभिन्न जल स्त्रोतों के भण्डारों से भी नवाजा है। यह बात ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पशुपालन एंव मत्स्य पालन मंत्री हिमाचल प्रदेश वीरेन्द्र कंवर ने मत्स्य पालन में नवीनतम उन्नति,
प्रोद्यौगिकी और उद्यमिता पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ करने के उपरांत उपस्थित मत्स्य किसानों सम्बोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होने हिमाचल प्रदेश एक्वाकल्चर, फिशिंग एण्ड मार्केटिंग सोसाइटी की सीएमएस में तैयार की गई वेबसाईट का भी लोकापर्ण किया।
उन्होने कहा कि दो दिवसीय कार्यशाला में देश के विभिन्न भागों से आए वैज्ञानिकों द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक पर मंथन व चिंतन किया जाएगा और कार्यशाला में जो भी सुझाव व शोध निकलकर सामने आएंगें, विभाग उन पर कार्य करेगा ताकि प्रदेश के लगभग 17 हजार परिवार जोकि मत्स्य पालन से जुडे है, उन्हें चुनौतियों का सामना न करना पडे और भविष्य में उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान की जा सके।
उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश मत्स्य पालन विभाग पानी में तापमान के अनुसार उपरी क्षेत्रों में ट्राउट मछली उत्पादन करता है। जबकि नीचले क्षेत्रों में प्रदेश में पडोसी राज्यों की भांति कार्प मछली का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि विभाग प्रदेश में इक्को टूरिजम को बढाने के लिए भी तत्पर है जिसमें निचले क्षेत्र में महाशीर तथा उपरी क्षेत्रों में ट्राउट मछली आखेट से प्रदेश में देश एंव विदेशों से हजारों की संख्या में मत्स्य आखेट, मत्स्य खेल खेलने के लिए आ रहे है, जोकि पर्यावरण के प्रति ज्यादा संवेदनशील रहते है। उन्होने कहा कि भविष्य में भी प्रदेश में एंगलिंग प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी। उन्होने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले एंगलरों के लिए एंगलर हट भी बनाए जाएंगें ताकि उनके रहने की उचित
व्यवस्था की जा सके। उन्होने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से मत्स्य को
टूरिजम से जोडा जा रहा है ताकि विश्व पर्यटन मानचित्र पर प्रदेश का नाम अंकित किया जा सके।
उन्होने कहा कि प्रदेश के जलाश्यों का स्वच्छ जल क्षेत्र होने के कारण देश तथा विदेशों से हजारों की संख्या में मत्स्य के शौकिन आते है क्योंकि यहां के स्वच्छ जल की मछली अधिक पौष्टिक व गुणवत्तायुक्त है। उन्होने कहा कि प्रदेश मंे ठण्डे पानी की मछली को हिमालय फिश ब्राॅड के नाम से मार्किट में उतारने के प्रयास किए जा रहे है ताकि मत्स्य पालकों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
इस अवसर पर विधायक सदर सुभाष ठाकुर ने बिलासपुर में मत्स्य पालकों के लिए राष्ट्रीय स्तर की नवीनतम कार्यशाला आयोजित करवाने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि जिला में मत्स्य पालन की आपार सम्भावनाएं है।
उन्होने मत्स्य को पर्यटन के साथ जोडने के लिए भी आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि जिला के अनेकांे परिवार मत्स्य व्यवसाय से जुडे हुए है। प्रदेश तथा केन्द्र सरकार इन परिवारों को प्रोत्साहन दे रही है। उन्होने कहा कि जिला में एंगलिंग प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई जा रही है ताकि जिला बिलासपुर को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सके और यहां के लोग आर्थिकरूप से मजबूत बन सके।
निदेशक एंव प्रारक्षी, मत्स्य हिमाचल प्रदेश सतपाल मैहता ने मुख्यातिथि तथा अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए दो दिवसीय कार्यशाला की जानकारीतथा विभाग द्वारा मत्स्य पालन तथा मत्स्य पालकों के लिए चलाई जा रही
विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा मत्स्य क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने
वाले डा. कर्ण जोशी को बेस्ट हैचरी, रामेश्वर दत्त को बेस्ट प्रति
हैक्टेयर उत्पादन तथा गोपाल शर्मा को सर्वोत्तम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर एडीएम. विनय धीमान, एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर एनएफडीबी. रथनीराज, हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के डीन डा. मनदीप शर्मा के अतिरिक्त अन्य राज्यों से आए हुए मत्स्य निदेशक उपस्थिित रहे।