नशे पर अंकुश के लिए नैतिक एवं पारिवारिक मूल्यों की शिक्षा आवश्यक **हिमाचल इंस्टीटयूट आॅफ एजुकेशन में नशे के विरूद्ध अभिभावक दिवस.
सोलन / 14 दिसम्बर / एनएसबी न्यूज़ युवाओं को समय पर नैतिक एवं पारिवारिक मूल्यों की शिक्षा न दिया जाना वर्तमान में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति का अहम कारण बन कर उभरा है। यह जानकारी आज सोलन के कोठों स्थित हिमाचल इंस्टीटयूट आॅफ एजुकेशन में स्वंय सेवी संस्था शिक्षा क्रांति द्वारा नशा निवारण अभियान के तहत दी गई।
प्रदेश व्यापी नशा निवारण अभियान के अन्तर्गत हिमाचल इंस्टीटयूट आॅफ एजुकेशन में शिक्षा क्रांति ने शिक्षकों एवं छात्रों के साथ अभिभावक दिवस (फादर-सन डे) आयोजित किया। कार्यक्रम में 100 से अधिक स्वयंसेवियों, शिक्षकों एवं प्रशिक्षुओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर शिक्षा क्रांति के संस्थापक सत्यन ने प्रशिक्षुओं को नशे की बढ़ती प्रवृति और इसकी निवृति पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि पारिवारिक मूल्यों का क्षरण युवाओं में बढ़ती नशे की लत के लिए बड़ा कारक बन कर उभरा है। उन्होंने कहा कि बच्चा सर्वप्रथम अपने घर से ही नैतिक एवं पारिवारिक मूल्यों की जानकारी प्राप्त करता है। यदि बच्चों को अपनी संस्कृति एवं लोकाचार की सही जानकारी दी जाए तो बच्चे भविष्य के बेहतर नागरिक बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को यह बताया जाना आवश्यक है कि जीवन में वही युवा देश, समाज तथा परिवार के प्रति उचित जिम्मेदारी निभा पाते हैं जो नैतिक एवं पारिवारिक मूल्यों पर चलकर कत्र्वय पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावकों और बच्चों के बीच सही समझ और तालमेल का होना आवश्यक है। अभिभावकों को युवाओं के साथ नियमित संवाद करते रहना चाहिए तथा उनकी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए ताकि युवा अपने घर पर ही परेशानियों का तार्किक निदान प्राप्त कर सकें। उन्होंने आग्रह किया कि माता-पिता और युवा मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध बना कर रखें।
शिक्षा क्रांति के संस्थापक ने कहा कि नशे पर अंकुश लगाने के लिए अध्यापकों का भी सजग रहना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में युवा अपना अधिकतम समय विद्यालय अथवा महाविद्यालय में व्यतीत करते हैं। अध्यापक यदि थोड़े सजग रहें तो छात्रों को नशे की अन्धी खाई में गिरने से बचा सकते हैं।
सत्येन ने इस अवसर पर कहा कि यदि समय रहते समाज सामूहिक रूप से नशाखोरी एवं नशे के सौदागरों के विरूद्ध खड़ा नहीं हुआ तो बहुत देर हो जाएगी।
उन्होंने सभी को नशे के विरूद्ध शपथ दिलवाई। उन्होंने कहा कि भविष्य में शिक्षा क्रांति के स्वयंसेवी और काॅलेज के प्रशिक्षु व शिक्षक वर्ग मिलकर समाज में मित्रता जैसे पारिवारिक मूल्य को बढ़ावा देने के लिए कार्य करेंगे।
काॅलेज के प्रधानाचार्य डाॅ. प्रेम पाल ने नशे के खिलाफ जागरूकता के लिए शिक्षा क्रांति के स्वयंसेवियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका शिक्षण संस्थान शिक्षा क्रांति संस्था के साथ समाज को नशा मुक्त बनाने की दिशा में मिलकर कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य में अध्यापक, अभिभावक और छात्रों को एकजुट होकर कार्य करना होगा।
इस मौके पर शिक्षा क्रांति के स्वंय सेवी रणजीत शर्मा, मनीषा ठाकुर, काॅलेज के प्रधानाचार्य डाॅ. प्रेम पाल एवं शिक्षक वर्ग उपस्थित रहे।