महक ने साकार किया प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने का सपना ***चावल के स्टार्च से प्लास्टिक बनाने का कारनामा कर दिखया
नंगलभुर 20 नम्बर (विकास)
केंद्रीय विद्यालय नंगलभुर की छात्रा महक मन्हास कक्षा ग्यारहवी ने चावल के स्टार्च से प्लास्टिक बनाने का महत्वपूर्ण अविष्कार किया हैं छात्रा महक मन्हास ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक का प्रकृति के साथ नष्ट होने वाली प्लास्टिक बनाकर एक नया विकल्प दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है स्टार्च से बनी प्लास्टिक जहां एक और पर्यावरण हितैषी है वहीं दूसरी और सस्ती तथा किसानों की फसलों को एक पहचान दिलाने वाला कदम है|
महक मन्हास ने अपने प्रोजेक्ट का प्रर्दशन क्षेत्रीय स्तर चंडीगढ़ रीजन के अधीन केंद्रीय विद्यालय मोहाली में पंजाब के 56 केंद्रीय विद्यालयों से आए प्रतियोगिताओं के बीच भाग लिया औऱ वेस्ट टू वेल्थ (कचरे से धन )अपना प्रोजेक्ट चावल के स्टार्च से प्लास्टिक बनाने प्रदर्शन देते हुए राष्ट्रीय स्तर पर चयन करवाया
केंद्रीय विद्यालय नंगलभुर के प्राचार्य पी एल मीणा ने बताया कि हम विद्यालय स्तर पर बच्चों के अविष्कार करने वाले कार्य करने हेतु सभी सुविधाएं प्रदान करते हैं रीजनल एवं राष्ट्रीय स्तर पर अविष्कार करने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु प्रेरित करते हैं महक मन्हास एक होनहार छात्रा हैं छात्रा का प्रोजेक्ट वेस्ट टू वेल्थ (कचरे से धन )राष्ट्रीय स्तर पर चुना गया है
महक मन्हास की गाइड श्रीमती विराज मोहिनी ने बताया कि छात्रा अनुशासित तरीके से नई-नई कार्यों में खोज करती रहती है छात्रा को थोड़ा सा गाइड करने पर भी वह नया रास्ता तलाश कर लेती है तथा मुझे महक मन्हास पर गर्व हैं कि इनका प्रोजेक्ट देश की नई दिशा को प्रदान करता है महक से बातचीत करते हुए बताया गया कि मैंने बात को प्लास्टिक प्रदूषण मुक्त बनाने का सपना देखा है मैं माननीय प्रधानमंत्री जी मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान के सपने को पूरा करना चाहती हूं मैं प्राचार्य जी के कार्य करने की कार्य प्रणाली से बहुत प्रभावी हूँ मेरा प्रोजेक्ट राष्ट्रीय स्तर पर चयन होने से मैं बहुत खुश हूं मेरी इस उबलब्धि का श्रेय प्राचार्य पी एल मीणा एव श्रीमती विराज मोहिनी , नेहा केरकट्टा को देना चाहती हूं |
फोटो 1 महक मन्हास को प्राचार्य द्वारा सम्मानित करते हुए