November 16, 2024

Agriculture Minister Dr Ram Lal Markanda today inaugurated a one day workshop of Agri Export Policy

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Shimla / 14 November / NSB NEWS

Agriculture Minister Dr Ram Lal Markanda today inaugurated a one day workshop of Agri Export Policy at State Management Agency of Extension Training Institute Mashobra auditorium here. He stressed the importance of natural farming in the state to double the income of farmers by 2022.

He also spoke on the pesticides residue threat to human life and the importance of value addition chain to boost agriculture exports. Dr Markanda urged the farmers to adopt crop diversification and modern technology to boost the economy of the country and the concept of self-reliance. He thanked APEDA, an arm of Union Commerce Ministry to boost infrastructure and training facilities in the state to facilitate inclusive growth.

Among those present on the occasion included Dr Rakesh Kaundal, Director Agriculture, APEDA AGM, Rajni Arora and other agriculture subject specialists.

शिमला / 14 नवम्बर / एन एस बी न्यूज़


कृषि, जनजातीय एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. रामलाल मारकंडा ने आज मशोबरा कृषि प्रबंधन संस्थान के सभागार में एक दिवसीय कृषि निर्यात नीति-2018 पर आधारित कार्यशाला का शुभारंभ किया।


इस अवसर पर कृषि विशेषज्ञों एवं कृषि उत्पादक संगठन के पदाधिकारी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि का सकल घरेलू उत्पाद में 20 प्रतिशत योगदान है। उन्होंने कृषि विशेषज्ञों से अनुरोध किया कि वे प्रयोगशाला की तकनीकों को किसानों तक पहुंचाए, ताकि ग्रामीण आर्थिकी को संबल प्रदान हो और लघु एवं सीमांत किसानों की आय में बढ़ोतरी दर्ज हो।
डाॅ. मारकंडा ने बताया कि भारत सरकार 2022 तक कृषि निर्यात को 100 अरब डाॅलर तक पहुंचाने के लिए कृत संकल्प है और नवीनतम तकनीक से किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने किसानों की आय में इजाफा करने के लिए मूल्य संवर्धन के कार्य को गति देने पर बल दिया।


कृषि मंत्री ने रसायन युक्त खेती के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला और विशेषज्ञों से गहन विचार विमर्श किया। उन्होंने स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कीटनाशकों के जहर से लोगों को जागरूक करने के लिए समाज के जागरूक वर्ग का सहयोग मांगा। उन्होंने वैश्विक बाजार के युग में नवीन तकनीकों व प्रतिस्पर्धा के दौर में कार्यशाला से किसान वर्ग को जागरूक करने और कृषि को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विशेषज्ञों से आह्वान किया ताकि ग्रामीण लोगों को वर्तमान प्रदेश सरकार की समावेशी नीतियों का लाभ मिल सके।


कृषि मंत्री ने रसायन मुक्त खेती के लाभ से किसान उत्पादक संगठनांे को अवगत करवाया और इसकी कम लागत के महत्व पर विस्तृत चर्चा की।
इससे पूर्व कृषि निदेशक डाॅ. राकेश कौंडल ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और उन्हें विभाग की समावेशी और किसान कल्याण की योजनाओं से अवगत करवाया।
इस अवसर पर एपीईडीए की एजीएम रजनी अरोड़ा, कृषि प्रबंधन संस्थान मशोबरा के निदेशक डाॅ. देशराज ठाकुर व कृषि विभाग के विशेषज्ञगण भी उपस्थित थे।

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