शिमला / 30 दिसम्बर / एन एस बी न्यूज़
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार, राज्य में श्रेष्ठ विद्युत आपूर्ति सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) के आधारभूत ढांचे को और सुदृढ़ करने के साथ-साथ विभिन्न रिक्त पदों को भरने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने बिजली बोर्ड में कनिष्ठ अभियंता के 270 पद, जूनियर ड्राॅफ्समैंन के 125 पद, विभिन्न तकनीकी कर्मचारियों के 2040 पद, जूनियर आॅफिस असिस्टैंट (आईटी) के 575 पद व लाॅ. आॅफिसर के 3 पदों को भरने के लिए स्वीकृति प्रदान की है। बिजली बोर्ड में कुल 3034 पदांे को भरने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि इस निर्णय से विद्युत वितरण में आ रही समस्याओं के समाधान के साथ-साथ हिमाचली युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। इससे प्रदेश में बेहतर विद्युत सुविधाएं तथा नये निवेशकों को भी गुणवतापूर्ण विद्युत आपूर्ति होने से लाभ प्राप्त होगा।
प्रदेश सरकार पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध
प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ होने के कारण प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन उद्योग को मजबूत बनाने पर विशेष बल दे रही है। पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने हाल ही में धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दौरान पर्यटन क्षेत्र में 16 हजार करोड़ रुपये के 225 समझौता ज्ञपनों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें 15 प्रतिशत परियोजनाओं पर कार्य आरम्भ हो चुका है। प्रदेश सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर आयोजित ग्राउंड बे्रकिंग समारोह के दौरान पर्यटन क्षेत्र में 3322 करोड़ रुपये के निवेश की 81 परियोजनाएं शामिल की गई।
पर्यटन क्षेत्र को स्थानीय जनता के लिए रोजगारोन्मुखी बनाने के प्रयास किए जा रहे हंै, जिसके लिए प्रदेश में 2000 होम-स्टे और 3600 होटल पंजीकृत किए गए हैं। गत वर्ष 476 नए होम-स्टे पंजीकृत किए गए थे। हाल ही में इंस्टीयूट आॅफ होटल मनेजमेंट में सोलन, शिमला, मण्डी, मनाली, धर्मशाला और किन्नौर के 500 होम-स्टे मालिकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
बेरोज़गार योजनाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने 939 लोगों को अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली, नेचर एण्ड लाईफ एसोसिएशन पर्वतारोहण संस्थान भरमौर हिमकोन और एचपीटीडीसी के माध्यम से पर्यटन की विभिन्न इकाइयों जैसे टुरिस्ट गाइड, टैक्सी ड्राईवर, पोटर्र, ढाबा मालिक, फूड एण्ड बीवरेज सेवाएं, टैªकिंग गाइड, पर्यटन में सामान्य पाठ्यक्रम, स्किंग आदि के प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे हैं।
‘नई राहें, नई मंजिलें’ योजना के तहत प्रदेश के अनछुए पर्यटन गंतव्यों को विकसित करने के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया हैै। इस योजना के पहले चरण में जिला मण्डी के जंजैहली, शिमाल जिला के चांशल, जिला कांगड़ा के बीड़-बिलिंग तथा लारजी और पौंग क्षेत्र मे जलक्रीड़ा गतिविधियां विकसित की जाएंगी।
प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए एशियन डेवलपमंेट बैंक ने 656.00 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत की हंै। यह योजना दो चरणों में पूरी की जाएगी। प्रथम टैªंच-1 में 19 उप परियोजनाएं विकसित कर पूरी की गई। टैªंच-2 योजना के अन्तर्गत 11 उप-परियोजना विकसित की गई, जिनका कार्य प्रगति पर है।प्रदेश के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा 1892.00 करोड़ रुपये की एक अन्य योजना भी स्वीकृत की गई है। इस योजना के अंतर्गत समुदाय विकास के लिए एक विशेष पैकेज केे तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पर्यटन गतिविधियों के लिए प्रेरित किया जाएगा।
प्रदेश सरकार पर्यटकों की सुविधा के लिए अतिरिक्त परिवहन उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश में रज्जू मार्गों का निर्माण कर रही है। धर्मशाला-मैकलोड़गंज में निर्मित होने वाले रज्जू मार्ग का कार्य वर्ष 2020 तक पूर्ण हो जाएगा। इसके अतिरिक्त जिला बिलासपुर में श्री आनंदपुर-श्री नैना देवी जी, जिला कांगड़ा में आदि-हिमानी चामुंडा रज्जू मार्ग, जिला कुल्लू में पलचान-रोहतांग रज्जू मार्ग और बिजली महादेव रज्जू मार्ग, जिला मण्डी में मां शिकारी देवी रज्जू मार्ग, जिला बिलासपुर-हमीरपुर में शाहतलाई-दयोठसिद्ध रज्जू मार्ग तथा जिला शिमला में नारकंडा-हाटू रज्जू मार्ग बनाए जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटकों की सुविधा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण पर विशेष बल दे रही है। जिला मण्डी के नागचला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे का निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है। प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार से ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नीति के आधार पर हवाई अड्डा स्थापित करने की मंजूरी ले रही है। जिला कांगड़ा के गग्गल हवाई अड्डे, जिला कुल्लू के भूंतर हवाई अड्डे और जिला शिमला के जुब्बड़हट्टी के हवाई अड्डे पर हवाई सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
केन्द्र सरकार की क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क योजना-उड़ान-2 के तहत फरवरी, 2019 से जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे से चण्डीगढ़-शिमला-चण्डीगढ़ से हैलीकाॅप्टर सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। मई, 2019 से पवनहंस लिमिटेड द्वारा चण्डीगढ़-शिमला-कुल्लू तथा चण्डीगढ़-शिमला-धर्मशाला के लिए हैलीकाॅप्टर सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।