मंडी / 17 नवम्बर / पुंछी
सराज विधानसभा क्षेत्र के बागाचनोगी में रविवार को एक दिवसीय रेशम कीट पालन शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें द्रंग विधानसभा क्षेत्र के विधायक जवाहर ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
इस अवसर पर जनसमूह को सम्बोधित करते हुए जवाहर ठाकुर ने कहा कि बागाचनोगी में शीघ्र ही रेशम पर आधारित उद्योग खोला जा रहा है जिससे काश्तकारों को इस बारे में स्वतः प्रोत्साहन मिलेगा। प्रदेश में रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 13 करोड़ की राशि व्यय की जा रही है। थुनाग में 2 करोड़ की लागत से रेशम बीज उत्पादन केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। सराज विधान सभा क्षेत्र में 30-30 लाख की लागत से बागचनौगी, सरौआ, धरोट, मुराह और ढीमकटारू में 5 नए रेशम केन्द्र खोले जा रहे हैं।
जवाहर ठाकुर ने कहा कि रेशम कीट पालन एक सूक्ष्म और लघु व्यवसाय है। जिसमे किसान कम खर्च में ज्यादा आमदनी कमा सकता है। उन्होंने कहा कि शून्य लागत के साथ कृषि पर आधारित इस उद्योग से स्थानीय महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान होंगे।
अनुसूचित जाति उप योजना के तहत किसानों को रेशम शैड निर्माण के लिए डेढ़ लाख रूपये दिए जा रहे हैं इसके अतिरिक्त रेशम कीट पालन सामान व रेशम पर आधारित योजनाओं पर 90 प्रतिशत सबसीडी दी जा रही है। इस वर्ष सराज से 6 क्विंटल कच्चा रेशम किसानों द्वारा तैयार किया गया व सराज क्षेत्र में ही 2000 से अधिक किसान इन योजनाओं से अब तक जुड़ चुके हैं। पूरे प्रदेश में 15 हजार परिवार इन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के 4223 स्वयं सहायता समूहों व महिला मंडलों को इस योजना के दायरे में लाया जा रहा है और उन्हें रेशम कीट पालन के लिए 20-20 हजार की राशि प्रदान की जा रही है।
एक काश्तकार प्रति फसल सौ कीड़ों से बीस दिन कीटपालन कर चालीस किलोग्राम रेशम उत्पादन कर प्रतिमाह दस से बीस हजार तक की कमाई कर सकता है। शहतूत के पेड़ रेशम कीट पालन के साथ ही काश्तकारों के पशुओं के लिए चारा भी मुहैया कराते हैं। परंपरागत खेती में हो रहे नुकसान को देखते हुए काश्तकारों को खेती के अन्य साधन अपनाने चाहिए। जिसमें बागवानी, सब्जी उत्पादन के साथ ही रेशम कीट पालन शामिल है। रेशम कीट के माध्यम से काश्तकार आर्थिक संसाधन बढ़ाने के साथ ही अन्य लोगों को भी रोजगार मुहैया करा सकते हैं।
जवाहर ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश के समग्र विकास के साथ साथ किसानों और बागवानों के उत्थान को लेकर कृतसंकल्प है।
शिविर में जहां विभागीय अधिकारियों द्वारा स्थानीय काश्तकारों को रेशम कीट पालन के माध्यम से आर्थिक संसाधन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही काश्तकारों को कैशलेस अर्थव्यवस्था की जानकारी भी मुहैया कराई गई। विभागीय अधिकारियों ने काश्तकारों को रेशम पालन तकनीक व कीटों के रोग से बचाव की जानकारी मुहैया कराई।
रेशम उद्योग उप निदेशक बलदेव चौहान ने मुख्य अतिथि को सम्मानित किया व विभागीय योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। रेशम कीट पर आधारित प्रदशर्नी भी लगाई गई जिसमें विशेषज्ञों द्वारा रेशम पालन पर विस्तार से जानकारी दी गई।
इस अवसर पर मंडलाध्यक्ष सराज भागीरथ शर्मा, पूर्व मंडलाध्यक्ष व पथ परिवहन निगम के निदेशक शेर सिंह, पूर्व बीडीसी वाईस चेयरमैन टिक्कम राम, प्रधान ग्राम पंचायत बागाचनौगी परम देव, रेशम अधिकारी अरविन्द भारद्वाज, विजय चौधरी, राम स्वरूप शर्मा, विभिन्न पंचायतों के प्रधान व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।