हमीरपुर / 05 जुलाई / न्यू सुपर भारत
ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र ङ्क्षसह कंवर ने कहा है कि प्रदेश सरकार पहले दिन से ही हिमाचल को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने के प्रयत्नशील है और इस दिशा में उठाए गए कदमों के सराहनीय परिणाम सामने आने शुरू हो गए हैं।
सोमवार को हमीरपुर के निकट नेरी में ठाकुर जगदेव चंद स्मृति शोध संस्थान के परिसर में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कंवर ने बताया कि अभी तक प्रदेश भर में लगभग 18000 बेसहारा पशुओं को विभिन्न गौसदनों में पहुंचाया जा चुका है। प्रत्येक पशु की बेहतर देखभाल के लिए 500-500 रुपये का प्रावधान भी किया गया है।
उन्होंने कहा कि गौ सदनों के अलावा प्रदेश के विभिन्न जिलों में गौ अभयारण्यों का निर्माण भी किया जा रहा है। इन अभयारण्यों के निर्माण से हिमाचल में बेसहारा पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित होगा। वीरेंद्र कंवर ने बताया कि हमीरपुर जिला के खैरी में गौ अभयारण्य का निर्माण अंतिम चरण में है। इसमें लगभग 1800 पशुओं को खुले एवं बेहतर वातावरण में रखा जा सकेगा। इसी तरह ज्वालामुखी क्षेत्र में भी गौ अभयारण्य स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को गसोता, लंबलू और जाहू में गौ सदन की संभावनाएं तलाश करने तथा इनके लिए त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। वीरेंद्र कंवर ने बताया कि आने वाले समय में गायों से केवल बछिया पैदा करने का टीका सब्सिडी पर उपलब्ध करवाने के बारे में सरकार जल्द ही निर्णय लेगी।
इस अवसर पर कृषि विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कृषि विभाग विभिन्न फसलों के बीज बाहरी प्रदेशों से मंगवाने के बजाय हिमाचल में ही बीज तैयार करने पर विचार कर रहा है और इसमें विपणन बोर्ड का सहयोग भी लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार गेहूं की फसल के लिए खरीद केंद्र स्थापित किए गए और इन केंद्रों में भारी मात्रा में गेहूं की खरीद 1975 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई है।
ठाकुर जगदेव चंद स्मृति शोध संस्थान की चर्चा करते हुए वीरेंद्र कंवर ने कहा कि भारतीय परंपराओं, जीवन मूल्यों और प्राचीन इतिहास पर शोध की दिशा में यह संस्थान बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के परिसर में पंचवटी योजना के तहत एक सुंदर पार्क विकसित किया जाएगा, जिससे यहां शोधार्थियों को शोध एवं अध्ययन के लिए बहुत ही बेहतरीन वातावरण उपलब्ध होगा।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक चेतराम गर्ग, भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष सोमदेव शर्मा, एपीएमसी के अध्यक्ष अजय शर्मा, एसडीएम डॉ. चिरंजी लाल चौहान और विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।