15 जुलाई तक करवाएं मक्की और धान का बीमा प्रति कनाल देना होगा केवल 24 रुपये प्रीमियम
हमीरपुर / 21 जून / न्यू सुपर भारत
सूखे, तूफान, बाढ़, जलभराव, ओलावृष्टि और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुक्सान की भरपाई के लिए आरंभ की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिला हमीरपुर में इस खरीफ सीजन के दौरान मक्की और धान के बीमे हेतु अंतिम तिथि 15 जुलाई निर्धारित की गई है।
कृषि उपनिदेशक डॉ. पीसी सैणी ने बताया कि मक्की की फसल के बीमे के लिए जिले की सभी तहसीलों और उपतहसीलों को शामिल किया गया है, जबकि धान की फसल का बीमा केवल तहसील हमीरपुर, नादौन और भोरंज के किसान करवा सकते हैं। उपनिदेशक ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना तथा उनकी आय सुनिश्चित करवाना है।
बटाईदारों और काश्तकारों सहित सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। पात्र किसान अपना फोटो पहचान पत्र, आधार कार्ड और अपनी भूमि के कागजात सहित बीमा कंपनी या नजदीकी लोकमित्र केंद्रों, बैंकों या ऑनलाईन माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। जिन किसानों ने ऋण ले रखा है, उनकी फसलों का बीमा संबंधित वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वत: ही कर दिया जाएगा। यदि कोई ऋणी किसान इस योजना का लाभ नहीं उठाना चाहता है तो वह संबंधित बैंक शाखा में अपना घोषणा पत्र जमा करवा सकता है।
उपनिदेशक ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी कृषि विभाग की वैबसाइट एचपीएग्रीकल्चर डॉट कॉम पर भी उपलब्ध करवाई गई है। योजना के संबंध में किसी भी तरह के परामर्श के लिए किसान अपने विकास खंड के कृषि अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। हमीरपुर में खरीफ सीजन 2021-22 के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड अधिसूचित की गई है।
योजना के तहत दोनों फसलों के लिए किसानों को प्रति कनाल 24 रुपये प्रीमियम देना होगा। इसकी बीमित राशि 1200 रुपये प्रति कनाल होगी। अधिक जानकारी के लिए किसान बीमा कंपनी के टॉल फ्री नंबर 1800116515 पर संपर्क किया जा सकता है। क्षेत्रीय पर्यवेक्षक अजय कुमार के मोबाइल नंबर 82197-65301 पर भी जानकारी हासिल की जा सकती है।
उपनिदेशक ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में आम किसानों को जागरुक करने के लिए विभागीय स्तर पर व्यापक प्रचार अभियान चलाया गया है। इसके तहत एक प्रचार वाहन को रवाना किया गया जो जिला की हर पंचायत में जाकर किसानों को जागरुक करेगा।