जिला के 100 आंगनवाड़ी केंद्र अब प्ले स्कूल के तौर पर जगाएंगे नौनिहालों में शिक्षा की रुचि
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झज्जर / 30 मार्च / न्यू सुपर भारत
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहली अप्रैल को राज्य में 4000 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल में परिवृत्त करने की परियोजना का का शुभारंभ करेंगे। जिसमे झज्जर जिले के 100 आंगनवाड़ी केंद्र भी प्ले स्कूल के तौर पर काम करना शुरू करेंगे। इस आश्य की जानकारी देते हुए कैप्टन शक्ति सिंह ने बताया कि इन प्ले स्कूलों में 3 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पूर्व स्कूली शिक्षा प्रदान की जाएगी।
कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति को 29 जुलाई 2020 को मंजूरी मिल गयी है। इससे पहले पूर्व प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य नहीं थी। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार पहली कक्षा से पहले अब पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करना अनिवार्य होगा। सम्पन्न लोग अपने 3 साल तक के बच्चों को महंगे प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलवाते है परंतु मध्यम व गरीबी रेखा से नीचे के लोग प्राइवेट स्कूलों का खर्चा नही उठा सकते।
ऐसे लोग अपने बच्चों को सीधे ही सरकारी स्कूल में भेज देते है। पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण किये बिना ऐसे बच्चे सही प्रकार से शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकते और उनका सर्वांगीण विकास नही हो पाता। बच्चों को रूचिकर गतिविधियों से मिलेगी सीख उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार अब हरियाणा प्रदेश में पहली कक्षा से पहले पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिये आंगनवाड़ी केंद्रों को अब प्ले स्कूल में बदल दिया गया है।
जिसमे बच्चों की योग्यता और रुचियों को ध्यान में रखते हुए उनको शिक्षा प्रदान की जाएगी। बच्चे को स्कूल भेजने के लिए तैयार किया जाएगा। जिसमे बच्चे के महत्वपूर्ण विकासों को ध्यान में रख कर बच्चों को गतिविधियों तथा खेल के माध्यम से पढ़ाया जाएगा जैसे शारीरिक विकास के लिए बटन लगाना, चुटकी बजाना, ताली बजाना, क्ले से खेलना, कागज फाडऩा आदि है। इससे बच्चे की सूक्ष्म मासपेशियों का विकास होता है।
रस्सी कूदना, उछलना, रस्सी पर चलना, सीढिय़ा चढऩा, उतारना, हल्का व्ययाम करना आदि रूचिकर गतिविधियां शामिल है। इन गतिविधियों के माध्यम से बढ़ेगी शिक्षा के प्रति रूचि उन्होंने बताया कि प्ले स्कूल में बच्चों का वर्गीकरण करना, आकार बताना, छोटा बड़ा बताना, मिलान करना स्वाद बताना, खुशबू पहचान करना आदि से बौद्धिक विकास होगा, आंगनवाड़ी में आकर अपनी अध्यापिका का अभिनन्दन करना, प्रार्थना करना, एक साथ खेलना, अपनी बारी का इंतज़ार करना, से सामाजिक विकास होगा, कहानी सुनना, बाल गीत, गपशप, स्वतंत्र वार्ता आदि से भाषा का विकास होगा। क्ले से खेलना, रंग भरना, ड्राइंग करना, ब्लॉक्स के साथ खेलना से शारीरिक, बौद्धिक और रचनात्मक विकास होगा।
इस प्रकार खेल खेल में और गतिविधियों के माध्यम से बच्चे को स्कूल जाने से पहले कैसे तैयार करना है, यह आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग के दौरान सिखाया गया है। इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा तथा बच्चों में अच्छे संस्कारों का भी विकास होगा। बच्चे आंगनवाड़ी में मिलजुल कर पढ़ेंगे। बच्चों को अभिवादन कैसे करना है, बड़ों से कैसे बातचीत करनी है, बिना भेदभाव के कैसे रहना है सिखाया जाएगा। इस प्रकार आने वाला समय महिला और पुरुषों का नहीं बल्कि अच्छे, समझदार नागरिकों का होगा। इसलिए झज्जर के सभी निवासियों से अनुरोध है कि अपने 3 से 5 वर्ष के बच्चो का आंगनवाड़ी प्ले स्कूल में नि:शुल्क दाखिला दिलवाए ।