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मंडी जिले में बीती तिमाही में महिला सशक्तिकरण पर 1.34 करोड़ व्यय

मंडी / 27 जुलाई / न्यू सुपर भारत

अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि मंडी जिले में महिलाओं के सशक्तिकरण पर बीती तिमाही में विभिन्न योजनाओं के तहत करीब 1.34 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इनमें वन स्टाॅप सेंटर के माध्यम से 37.86 लाख रुपये, सशक्त महिला योजना में 16.64 लाख रुपये, मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना में 55.89 लाख रूपये, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 20.69 लाख रूपये, विधवा पुनर्विवाह योजना में 2 लाख रूपये खर्चे गए हैं। जिले में वन स्टाॅप सेंटर में 40 महिलाओं को एक छत्त के नीचे तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं ।

वे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को गठित जिला टास्क फोर्स की उपायुक्त मंडी कार्यालय के वीडियो काॅन्फ्रेसिंग कक्ष में बुधवार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
जतिन लाल ने योजना की समीक्षा करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जिला टास्क फोर्स के सदस्य सचिव एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी मंडी कल्याण चन्द ठाकुर ने बैठक में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना से संबंधित गतिविधियों की विस्तृत जानकारी के माध्यम से अभी तक की प्रगति रिपोर्ट से अवगत किया।

बाद में अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत मंडी जिले में बालिका लिंगानुपात सुधारने के लिए विभिन्न गतिविधियां चलाई गई हैं। शिवरात्रि महोत्सव के दौरान चाइल्ड केयर संस्थान व विशेष स्कूलों की 200 बेटियों का सामूहिक जन्मदिन मनाया गया। इसके अलावा महोत्सव के दौरान जलेब में बालिका शिक्षा, हर क्षेत्र में बालिकाओं की भागीदारी, आंगनबाड़ी की भूमिका व विभागीय योजनाओं की जानकारी को लेकर बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ रथ चलाकर लोगों को जागरूक किया गया।

इंदिरा मार्केट की छत्त पर बीबीबीपी सेल्फी प्वाइंट बनाने, एक बूटा बेटी के नाम, चाइल्ड केयर संस्थानों को कपड़े वितरित इत्यादि जैसे गतिविधियों के माध्यम से आमजन को बालिका संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

जिले में मुख्यमंत्री सप्त स्तंभ कार्यक्रम आरंभ
इसके उपरांत अतिरिक्त उपायुक्त ने जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक ली। उन्होंने कहा कि जिले में पोषण अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री सप्त स्तंभ कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें छः वर्ष से कम उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल और पौष्टिक आहार, प्रोटीनयुक्त भोजन, कुपोषित बच्चों, धातृ माताओं और गर्भवती महिलाओं का विशेष ख्याल पर बल दिया जा रहा है। बैठक में बालिका सुरक्षा, महिला सहायता एवं सुरक्षा केंद्र (वन स्टाॅप सेंटर) से जुड़ी तमाम गतिविधियों की समीक्षा की गई।

एडीसी ने कहा कि बरसात के मौसम में डायरिया, निमोनिया, एनीमिया जैसे बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। संबंधित विभाग जमीनी स्तर पर आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए जन-जन को सरकार की स्कीमांे व बीमारियों के बचाव के प्रति जागरूक करें। जिले के सभी पंचायत प्रधान, उप-प्रधान, वार्ड सदस्य इत्यादि को भी इन योजनाओं के बारे जागरूक किया जाए, ताकि वे अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक कर सके।

बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास मंडी कल्याण चंद ठाकुर,   पुलिस उप-अधीक्षक मुख्यालय देवराज, उप-निदेशक प्रारंभिक मंडी ए.एन. राणा, डीएफओ मुख्यालय अंबरीश शर्मा, जिला संरक्षण अधिकारी डीआर नायक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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